Monday, July 30, 2018

रशिम प्रकाशन लखनऊ से प्रकाशित 'किस्से चलते हैं बिल्ली के पावँ पर' नामक समकालीन कविता की आलोचना पुस्तक में काव्य संग्रह 'पत्थर तोड़ती औरत' पर बात करने के लिए इस पुस्तक के लेखक कवि एवं आलोचक गणेश गणी जी का आभार !







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