Sunday, March 17, 2024

श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित अंधविश्वासों, रुढियों एवं कुरीतियों पर केन्द्रित साँझा लघुकथा संग्रह "मन का फेर" में देश भर से 60 लघुकथाकार शामिल हैं । हिमाचल प्रदेश से इस पुस्तक में अदित कंसल जी, कृष्ण चंद्र महादेविया जी, प्रो. रणजोध सिंह जी और मेरी (मनोज चौहान) की लघुकथाएं शामिल हैं। भीतर तक दस्तक देती और कई सवाल खड़े करती इस संग्रह की लघुकथाएं पठनीय और संग्रहणीय हैं , जिसके लिए सभी शामिल लघुकथाकार और संपादक Suresh Sourabh बधाई के पात्र हैं। पुस्तक की साज - सज्जा और छपाई उम्दा है। इस संग्रह में मेरी दो लघुकथाओं "देवता झूठ नहीं बोलता" और "लोक - लाज" को स्थान देने के लिए संपादक सुरेश सौरभ जी का आभार !





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